अंक 36वर्ष 10अप्रैल 2017

खबरें

-          दिनेश अधिकारी

कल

परसों

और नरसों जैसे ही

आज भी

अखबार में छपी हैं खबरें

बहुत से निर्दोषों के मारे जाने की

 

खबरें पढ़ रहा हूँ मैं

अरब से आज ही

चार लाशें आ पहुँची हैं

सामुहिक बलात्कार से मारी गई

एक अपरिचित युवती की लाश

मिली है आज ही नदी किनार में

चुनाव की घोषणा के साथ ही

अपने पेट के लिए

मालिक के पर्चे में अनूदित

अपना चेहरा ढोते हुए

जुलूस में लहराता एक जवान

दूसरे पक्ष के साथ मुठभेड़ मे मारा गया है

किसी भू-माफिया द्वारा

पूरी बस्ती अपनी नाम कर लेने के बाद

उसी के आवेदन के आधार पर

बस्ती खाली कराने के लिए

सरकारी बल परिचालन के समय

विरोध में उतरे लोगों का एक झुंड

पुलिस की गोली से घटना स्थल पर ही मारा गया

मंत्री के साले ने ठेके पर बनाए

अभी कल ही हस्तातंरित पुल के ढह जाने से

पुल पार कर रहे बस बस में सवार सभी यात्री

एक ही मौत मारे गए

सरकारद्वारा सरकारी अस्पतालों में

बांटी गई डेट एक्पायर्ड दवाईयाँ खाने से

एक ही गाँव की

दो गर्भवतियों की मौत हो गई

 

यहाँ मैं

वर्षों से राह देख रहा हूँ –

वे जिन्होंने –

उन्हें विषैले सुरंग में घुसाया

वे जिन्होंने –

अपनी जिंदगी का सुरक्षा- कवच उन्हें बनाया

वे जिन्होंने –

मनोरंजन के लिए उनका शिकार किया

वे जिन्होंने -

मालिक होने की अपनी पहचान छिपाकर

काले कामों के लिए उन्हें कुली बनाया

उतर जाए उनका मुखड़ा

जैसे भरे बाजार में पके हुए केले के छिलके उतारे जाते हैं

और छटपटाए उनकी साँसें

पास खड़े लोगों कि नजर में।

 

अब अखबार में कब आएँगी खबरें

उनके मारे जाने की ?

 

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नेपाली से रूपांतर : कुमुद अधिकारी

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