अङ्क 32 | वर्ष 6 | अगस्त 2013 |
छोड़ने से पहले
-- बद्रि भिखारी
भोगना भूले
या बचे हुए जीवन को
फिर न भोगने के लिए जा रहा हूँ मैं।
तुम्हें
ठुमक कर चलना सिखाने वाले ये हाथ
सगरमाथा की भाँति ऊँचा होने के लिए सहारा देते कंधे
पहाड़ की भाँति बोझ ढोते ये पैर
अब कुछ नहीं रहेंगे
सिर्फ स्मृति के सिवा ।
भूख से रोते हुए बच्चे को दिक्कत देती अर्थहीन लोरी
अपने अतीत कुतरते हुईं
ये बोझिल आवाजें
रंग धूमिल बनता चेहरा
कुछ नहीं रहेंगे अब
खो जाएँगे सपनों की भाँति ।
मालूम है
शब्द-संगीत समझ न आनेवाली पुरानी गीतों जैसी
मेरी आवाजों को
तुम बेमन सुनोगे
दृश्य कम और आँसु ज्यादा दिखनेवाले
यिन आँखों को दूर से देखोगे ।
जानेवाले महामानवों की भाँति
मैं कुछ नहीं छोड़ पाऊँगा
जो जिंदगीभर तुम्हें याद आए
मुझपर आभार व्यक्त करने
कृतज्ञता जताने या
मुझे धन्यवाद देने के लिए
कोइ अच्छा सा काम नहीं होगा
तुम खड़े हुए इस समाज में
मेरा नाम जोड़कर बातें बनाने के लिए
कोई चीज नहीं होगी
एक पंक्ति उद्धरणके लिए विचार
एक हर्फ सुन्दर सपना
कुछ भी नहीं होगा
यह निःशब्द शरीर
ये शरीर ढकते कपड़े
जिन्हें तुम तुरंत छिपाओगे आँखों से
तुम्हारे पास मेरी बची हुई यादें भी
आकाश में बिखरे बादल की तरह आहिस्ता से बिखर जाएँगी
यह भी कहूँ तुम्हें, मेरे न रहने पर
कुछ नहीं छुटेगा, कुछ नहीं ले जाऊँगा मैं
हवा की तरह निर्दृश्य जाऊँगा मैं
तुम्हें पता भी न चलेगा
इस सुंदर दुनियाँ को
और सुदंर बनाता चश्मा
खड़े होने के लिए सहारा देती लाठी
शीत और ताप से बचाकर शिर का सौंदर्य चमकाती टोपी
धूप और वर्षात् से हरदम बचाकर मेरे साथ चलती यह छतरी
एकांत में रूलाते गीत
दुःख, व्यथा, पीड़ा और विरह को
आनंद में अनुवाद करती यह कलम
कुछ भी तो नहीं ले जाऊँगा मैं
सिर्फ मुझसे प्यार करती ये सब चीजें
शायद तुम्हारे लिए भी न होंगी।
मेंरी माँ
जिनके गर्भ में रहकर अपना अस्तित्व खोजते हुए करवटें लेता रहा
जिनकी छाती से अमृत पान कर तृप्त होता रहा
जिनकी गोद में नाचता और ऊँचा होता रहा
जिंदगी जिनके बनाए रास्ते पर चलाता रहा और भूल गया
अपने ही कदमों से इन रास्तों को कुरूप बनाता रहा
बागीचे के फूल और पत्ते तोड़ता रहा
निश्चल और निर्मल जल को गंदा करता रहा
इतनी लंबी यात्रा में
मुझे हरदम साथ देनेवाले हवा को दूषित करता रहा
हर सुबह आकाश से नूर लेकर नहाता रहा और गिराता रहा
मध्यरात्रि में हाथभर चाँदनी लेकर चलता रहा
इस चबूतरे में आकर
धन्यवाद, आभार व्यक्त करने के सिवा
किसी के लिए
कुछ छोड़ा नहीं जाएगा, कुछ दिया नहीं जाएगा।
अपनी बोली
शायद वाणी न हो पाई
अपने ही पदचाप बनाता और मिटाता
दूसरों के पदचापों पर चला गया शायद
तुम्हें याद करने के लिए कुछ नहीं दे सकने पर
तुम्हारी प्यारी चीजें न छोड सकने पर
मेरे जन्म घर, मेरे देश को सुना देना
एक आदमी धूमकेतु की भांति गिर गया
अपना नाम ढोता आदमी खोजते हुए, कहीं खो गया .......।
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नेपाली से अनुवादः कुमुद अधिकारी
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